कभी ना सोचा था
मन की बात
कभी सोचा भी न था , ऐसा दिन भी आएगा ।
वक्त ऐसे दोराहे पर हमको लाएगा ।
ना जाने कितनी और मोड दिखाएगा ।
जब जब सोचा अब सुख आएगा,
तब तब वक्त ने अपना रंग है दिखाया ।
सोचती हूं जिंदगी में कुछ कर जाऊं,
लेकिन देख कर घर की तरफ फिर चुप रह जाऊं ।
कभी कभी लगता है जो चाहिए वो मिला नही ।
लेकिन अगले पल लगे जैसे उसकी जरूरत ही नही ।
जिंदगी से मिल कर अपनी बस ये ही समझ पाई ।
जो सोचो वो हो जाए ये मुमकिन नहीं ।
और जो मिले वो पास रह जाए ये उसूल नही ।
होता वही है जो हरी चाहे ,
मिले न पानी भी बिना मर्जी हरी के ।
जय श्री राधे कृष्णा 🙏
स्वरचित ; नीर(निधि सक्सैना )
Abhinav ji
29-Nov-2022 07:51 AM
Very nice👍
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Khan
28-Nov-2022 08:43 PM
Nice 👌🌺
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Gunjan Kamal
28-Nov-2022 06:44 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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