Nidhi Saxena

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कभी ना सोचा था


मन की बात 
कभी सोचा भी न था , ऐसा दिन भी आएगा ।
वक्त ऐसे दोराहे पर हमको लाएगा ।
ना जाने कितनी और मोड दिखाएगा ।

जब जब सोचा अब सुख आएगा,
तब तब वक्त ने अपना रंग है दिखाया ।

सोचती हूं जिंदगी में कुछ कर जाऊं,
लेकिन देख कर घर की तरफ फिर चुप रह जाऊं ।

कभी कभी लगता है जो चाहिए वो मिला नही ।
लेकिन अगले पल लगे जैसे उसकी जरूरत ही नही ।

जिंदगी से मिल कर अपनी बस ये ही समझ पाई ।
जो सोचो वो हो जाए ये मुमकिन नहीं ।
और जो मिले वो पास रह जाए ये उसूल नही ।

होता वही है जो हरी चाहे ,
मिले न पानी भी बिना मर्जी हरी के ।

          जय श्री राधे कृष्णा 🙏
          स्वरचित ; नीर(निधि सक्सैना )


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4 Comments

Abhinav ji

29-Nov-2022 07:51 AM

Very nice👍

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Khan

28-Nov-2022 08:43 PM

Nice 👌🌺

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Gunjan Kamal

28-Nov-2022 06:44 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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